भगन्दर के कारण, लक्षण और होम्योपैथिक इलाज – balram, March 8, 2024 जीवनशैली और खासकर खान पान खराब यानी की अनहेल्दी होने के कारण आज हर इंसान किसी न किसी बीमारी से परेशान है। इन्ही बीमारियों में से एक बीमारी भगन्दर है। प्रिस्टीन केयर के इस ब्लॉग में आज हम आपको भगन्दर के कारण, भगन्दर के लक्षण और भगन्दर के होम्योपैथिक इलाज के बारे में विस्तार से बताने वाले हैं। इस ब्लॉग को पूरा पढ़ने के बाद, कुछ सावधानियों को बरतने के बाद आप खुद को इस बीमारी से बचाने या अगर आप इस बीमारी से पीड़ित हैं तो घर बैठे होम्योपैथी दवाओं की मदद से इसका बेहतर इलाज करने में कामयाब हो पाएंगे भगन्दर (फिस्टुला) क्या है — भगन्दर को अंग्रेजी में फिस्टुला (Fistula) कहा जाता है। यह एक गंभीर शारीरिक बीमारी है। इससे पीड़ित होने की स्थिति में आपके एनस में या उसके आस पास फोड़े और फुंसियां बन जाते हैं। जिसके कारण एनस में घाव और जख्म बनने लगते हैं। घाव और जख्म के कारण वहां खुजली, दर्द और जलन शुरू हो जाती है। इसे ही मेडिकल की भाषा में भगन्दर कहा जाता है। भगन्दर होने पर एनस के आस पास लाल चकत्ते बन जाते हैं तथा प्रभावित स्थान का रंग भी पीला पड़ जाता है। कुछ समय के बाद फोड़े और फुंसियों में मवाद यानी की पस बन जाता है जो धीरे धीरे रिसना शुरू हो जाता है। पस से बदबू भी आती है। कुछ समय बीतने के बाद भगन्दर अपना मुंह दूसरी तरफ भी बना लेता है जिसके कारण मरीज की परेशानियां भी दोगुनी हो जाती हैं। इस बीमारी से पीड़ित होने के बाद आपको चलने फिरने, उठने, बैठने, लेटने, अपने दैनिक जीवन के कामों को करने और खासकर स्टूल पास करते समय काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अगर इस बीमारी का समय पर उचित तरीके से इलाज नहीं किया गया तो आगे जाकर यह एनल कैंसर का रूप भी धारण कर सकता है रक्त जांच के लिए सम्पर्क करें । https://moleque.ai/ भगन्दर (फिस्टुला) के कारण — What Are The Causes Of Fistula In Hindi — Bhagandar (Fistula) Kyun Hota Hai भगन्दर की बीमारी कई कारणों से होती है। अगर आपको इन कारणों की जानकारी पहले ही हो जाए तो आप कुछ सावधानियां बरतने के बाद खुद को इस बीमारी से बचा सकते हैं। नीचे हम आपको भगन्दर के कुछ खास कारणों के बारे में बता रहे हैं। कब्ज की शिकायत होना गैस की समस्या होना रेक्टम का अस्वच्छ होना बैक्टीरियल इंफेक्शन होना लंबे समय से कब्ज होना एनस के आस पास चोट लगना रेक्टम के पास फोड़े होना एनस के आस पास सर्जरी होना किसी भी नशीली चीज का सेवन करना एनस में ब्लड फ्लो का घटना टीबी या एड्स से पीड़ित क्रोहन नामक बीमारी से पीड़ित शराब और सिगरेट का सेवन करना आंत की परत में सूजन की समस्या होना लंबे समय तक किसी सख्त या ठंडी जगह पर बैठना एनस या उसके आस पास रेडिएशन ट्रीटमेंट कराने के कारण भी भगन्दर की समस्या पैदा हो सकती है। भगन्दर (फिस्टुला) के लक्षण — भगन्दर से पीड़ित होने पर आपको बुखार हो सकता है। कमजोरी महसूस करना भगन्दर के लक्षणों में से एक है। एनस से पस निकलना भगन्दर की तरफ इशारा कर सकता है। अगर आपको ठंड लगती है तो यह भगन्दर का लक्षण हो सकता है। जब आपको भगन्दर की शिकायत होती है तो एनस से खून निकलता है। सही से स्टूल पास नहीं होना भी भगन्दर के कारणों और लक्षणों में से एक है। बार बार एनस में फोड़े की शिकायत होना भगन्दर की तरफ इशारा करता है। एनस के आस पास दर्द और सूजन होना भगन्दर के खास लक्षणों में से एक है। भगन्दर होने पर पस निकलने के कारण एनस के आस पास जलन हो सकती है। भगन्दर से पीड़ित होने की स्थिति में स्टूल पास करते समय आपको दर्द हो सकता है। अगर आपको कब्ज की समस्या रहती है तो आपको भगन्दर की जांच करानी चाहिए। पस निकलने के साथ साथ कभी कभी एनस से बदबू आना भगन्दर के लक्षणों में से एक हो सकता है। कब्ज की शिकायत और स्टूल पास करने में परेशानी होने के साथ साथ आपको थकान महसूस होना भी भगन्दर के लक्षणों में से एक हो सकता है। भगन्दर (फिस्टुला) का होम्योपैथिक इलाज — Homeopathic Treatment Of Fistula In Hindi — Bhagandar (Fistula) Ka Homeopathic Ilaj Homeopathic Medicines For Fistula In Hindi भगन्दर का इलाज करने के लिए उपचार के ढेरों मॉडर्न माध्यम मौजूद हैं जिनकी मदद से इस बीमारी को सल्फर भगन्दर में फायदेमंद होता है — सल्फर से भगन्दर का बेहतरीन इलाज किया जा सकता है। यह दवा खासकर उन लोगों के लिए सबसे अधिक फायदेमंद होती है जिन्हे भगन्दर की वजह से एनस में बहुत तेज दर्द होता है। नियमित रूप से इस दवा का सेवन करने से आपके भगन्दर के लक्षणों में कमी आती है तथा आपकी बीमारी भी धीरे धीरे खत्म होने लगती है। अगर आप भगन्दर के कारण उत्पन्न दर्द से परेशान हैं तो इस दवा का सेवन कर सकते हैं। यह दर्द को कम करने के साथ साथ एनस में बने पस को भी कम करने का काम करता है। सिलेसिया से भगन्दर का इलाज किया जाता है। भगन्दर की होम्योपैथिक दवाओं में सिलेसिया का नाम भी शामिल है। अगर आप भगन्दर से पीड़ित हैं तो इस दवा के इस्तेमाल से अपनी बीमारी को खत्म कर सकते हैं। यह दवा भगन्दर के लक्षणों को बहुत ही प्रभावी तरीके से कम और खत्म करता है। नियमित रूप से इसका सेवन करने पर आपको पॉजिटिव रिजल्ट देखने को मिलेगा। भगन्दर के इलाज में मिरिस्टिका बहुत फायदेमंद होता यह भगन्दर का बहुत ही प्रभावशाली होम्योपैथिक दवा है। जब भगन्दर का दर्द असहनीय हो जाता है तथा हिपर सल्फर दवा का सेवन करने के बाद भी कोई फर्क नहीं आता है तब मिरिस्टिका दवा का इस्तेमाल करने का सुझाव दिया जाता है। कुछ सप्ताह तक इस दवा का सेवन करने से भगन्दर से संबंधित आपकी परेशानियां खत्म हो जाएंगी। contact: DR.BALRAM SINGH 7827458220 Uncategorized FishFishtulaभगन्दर