दिल को रखे स्वास्थ् बिना दवाईयों के balram, April 15, 2024 दिल मानव शरीर का महत्वपूर्ण अंग है। यह रक्त परिसचरण तंत्र में अहम योगदान प्रदान करता है। ह्रदय रोग के क्या लक्षण व संकेत होते हैं? हृदय के सब रोगों में निम्नलिखित में से सब या एक या अधिक समान लक्षण होते हैं – छाती में भारीपन, दबाव, असुविधा या दर्द। ऊपरी शरीर में बार-बार दर्द होना जैसे कि हाथों, जबड़े, गर्दन, पीठ या पेट के ऊपरी भाग में। थकान और कमजोरी। सांस फूलना। धड़कन में तेजी से वृद्धि (या अनियमित धड़कन)। चक्कर आना, पसीना आना और मतली। सूजन होना। चिंता होना। खांसी आना। दर्द, जलन और परिपूर्णता महसूस होना। यदि हृदय रोगों के यह लक्षण ठीक नहीं होते और जीभ के नीचे नाइट्रो-ग्लिसरीन रखने के बाद भी नहीं जाते हैं, यदि निम्नलिखित लक्षण दिखाई दें तब कुछ आवश्यक खून की जांच कराए CBC,ESR CRP LIPID KFT CPK MB TROPONIN I D-DIMER VITAMIN D VITAMIN B12 IRON HBA1C TG ECG 919955550855 917827458220 https://moleque.ai/book-test;pre=click आरोग्य कीर्ति के डाॅक्टर के अनुसार हार्ट अटैक नसों में खून जमा होने के कारण होता है । हार्ट अटैक के कारण कोलेस्ट्रॉल डायबिटीज बढ़ती उम्र धूम्रपान हाई ब्लड प्रेशर पारिवारिक इतिहास (Family history) अगर किसी व्यक्ति में यह लक्षण दीखते है तो उनको वास्तविकता हार्ट की परशानी होती है तो आपको नज़र अंदाज़ नहीं करना आरोग्य कीर्ति के डायरेक्टर डॉक्टर भारत भूषण कहते है।आज के परिवेश में हार्ट फेल्योर के 80% केस का कारण खाने मे पेस्टीसाइड, अनियमित दिनचार्य, कुपोषण व पर्यावरण प्रदूषण है। यदि आपका कोलेस्ट्रॉल बड़ा हुआ आ रहा है।धूम्रपान व शराब का सेवन न करें । आप नियमित व्यायाम करें । सुबह-सुबह 4 से 5 km चलें।व पोष्टिक भोजन लें। आज के समय में खाने में पेस्टीसाइड्स की मात्रा अधिक पाई जाती हैं। इस लिए अपने हार्ट को दूषित वातावरण से बचाने के लिए फूड्स सप्लिमेंट्स का स्तेमाल करें। दिल को सुरक्षित रखने के लिए ओमेगा 3 बी 12 अश्वागन्धा अर्जुनारिष्ट आदि का सेवन करना चाहिए। समचिकित्सा विज्ञान के आधार पर हार्ट अटैक रोगियों को भविष्य में दिल के दौरा का खतरा न रहे इसके लिए 1. एकोनिटम नेपेलस: यह एक होम्योपैथी दवा है, जो दिल का दौरा पड़ने पर तुरंत दी जाती है। रोगी को बाएं हाथ में सुनपन महसूस हो सकता है। 2.कैक्टस ग्रैंडिफ्लोरस: यह दवा तब मदद करती है जब दिल बहुत तेज धड़कता है और साथ ही रोगी को एंडोकार्टिटिस होता है। एंडोकार्टिटिस के कारण धमनियां और हृदय कमजोर होते हैं। यह एनजाइना पेक्टोरिस में बहुत अच्छा काम करती है। 3. क्रैटेगस ऑक्सीकैंथा : हृदय की मांसपेशियों पर कार्य करती है और यह हृदय टॉनिक भी है। मायोकार्डिटिस, हृदय की अनियमितता, धमनीकाठिन्य और कार्डियक ड्रॉप्सी के मामलों में मदद करती है। अगर मरीज के हृदय में और बाएं हंसली के नीचे दर्द है तो इस दवा को दिया जा सकता है। 4.ऑरम मेटालिकम : रोगी को ऐसा महसूस होता है जैसे दो या तीन सेकंड के लिए दिल की धड़कना बंद हो गयी हो। मरीज को छाती में दर्द होता है जो आमतौर पर रात में बढ़ जाता है। यह मायोकार्डियल कमजोरी और हाई ब्लड प्रेशर का इलाज करती है। 5. डिजिटलिस पुरपुरिया: अगर मरीज की नाड़ी कमजोर या अनियमित, रुक रुक कर, असामान्य रूप से धीमी या तेज होती है तो मरीज़ को ईश दवाई से काफी आराम मिलता है। मरीज को ऐसा महसूस होता है जैसे उसके हिलने-डुलने पर दिल की धड़कना बंद हो जाएगी और वह अपनी सांसो को रोके रखने के बारे में सोचता है। Dr.Balram Singh 7827458220 Uncategorized CholesterolHeartआरोग्य कीर्ति Heart